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New Bhajan मन्त्र सतगुरु देव का आनंद का भण्डार है_Mantra Satguru Dev Ka_Satguru Bhagat Prakash Ji

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Published 24 May 2021

#SatnamSakhi_PremPrakashi_AmrapurAsthan Lyrics By Satguru Swami Bhagat Prakash Ji Maharaj शब्द (मन्त्र) सत्गुरु देव का आनंद का भण्डार है। भाव (प्रेम) रख मन में जपे जो उसका बेड़ा पार है।। 1.अक्षरों का जोड़ केवल ना समझना भूलकर। इसमें सद्गुरु देव की है भरी शक्ति प्रखर । सर्व मंगल मूल है यह वेद का सत् सार है ।। 2. जीवनी शक्ति से खाली शब्द जग के शून्य है। पर महा मंतर गुरु का दिव्य है चैतन्य है। कालिमा मन की हटाकर मेटता अंधकार है।। 3. कल्पतरु चिंतामणि सम आश सब पूरण करे। आधि व्याधि उपाधि हर के अखण्ड आनंद उर भरे। सतगुरु का शब्द भव सागर से तारण हार है।।

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